अंकल ने मुझे रात में नांगी करके चोदा :-

Antarwasna sex story: नमस्कार दोस्तो!
में बताया हुआ है कि मेरा नाम सौम्या है और मैं समस्तीपुर (बिहार) से हूँ।

अपनी चुदाई की कहानी की बात शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में फ़िर से बता देती हूँ।
मैं एक दुबली–पतली सी लड़की हूँ।

मेरी उम्र इस कहानी में 20 वर्ष की है।
मेरा फिगर 28-30-32 का है।
मैं दिखने में सुन्दर और गोरी हूँ।

मेरी यह Xxx अंकल फक कहानी जून माह की है।

उस समय शादियों का मौसम चल रहा था।
एक शादी हमारे यहां भी थी जिसमें मेरे घर के सभी लोगों का जाना भी जरूरी था।

पर सबसे बड़ी समस्या यह थी कि घर की देखभाल कैसे होगी क्योंकि
यहाँ घर बंद करके जाने पर चोरी होने का डर बना रहता है।

इसलिए सभी का साथ जाना भी संभव नहीं हो पा रहा था।

शादी मेरे मौसेरे भाई की थी तो मम्मी का जाना भी तय था।

अंततः यही निष्कर्ष निकला कि मैं घर में ही रहूंगी और घर की देखभाल करूँगी।

इसके लिए पापा ने हमारे पास के एक अंकल को मदद करने और रात में मैं अकेली ना रहूँ,
इसके लिए रात में आ कर सोने के लिए बोल दिया।

इस पर अंकल ने बोला– इसकी चिंता आप ना करें, मैं हूँ तो कोई समस्या नहीं होगी।
उसके बाद पापा, मम्मी एवं मेरा भाई सभी लोग शादी में जाने के लिए निकल गए।

antarwasna sex story

अंकल की शादी 7-8 साल पहले हो गई हुई थी।
वे यहाँ नौकरी के सिलसिले में अकेले ही रहते थे।

वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।
उनकी उम्र करीब 35-38 वर्ष रही होगी।

उस शाम अंकल ने मुझसे पूछकर पनीर ले आए।
जो मुझे बहुत पसंद था।

उसके बाद रात को मैंने पनीर की सब्जी और रोटी बनाई।
अंकल और मैंने साथ में बैठकर खाना खाया।

इसके बाद अंकल मोबाइल देखने में लग गए।

तब मैं किचन का काम ख़त्म करने में लग गई।

काम करने के बाद अंकल के साथ कुछ देर तक इधर-उधर की बातें हुई।
फ़िर हम दोनों अपने-अपने कमरे में सोने चले गए।

सुबह उठकर मैंने अंकल के लिए नाश्ता बना दिया।
साथ में उनका टिफ़िन भी पैक करके उनको दे दिया।

इसके बाद वे शाम में ‘क्या बनेगा’ यह पूछकर ऑफिस के लिए निकल गए।
उसके बाद मैं साफ़–सफाई करने के बाद नहाने चली गई।

नहाकर फ़िर तैयार होकर मैंने नाश्ता किया।
उसके बाद कुछ देर आराम करके फ़िर दोपहर का खाना बनाकर और
खाकर मोबाइल देखकर कुछ देर पढ़ाई की।

ऐसे ही शाम के करीब 6 बज गए।
अंकल भी ऑफिस करते हुए बाज़ार से सब्जी लेकर आ गए।

उसके बाद मैंने उनको चाय बनाकर दिया और कुछ देर बैठकर बातें की।
फ़िर रात का खाना बनाने के लिए किचन में आ गई।

कुछ देर बाद अचानक से बिजली चली गई और घर में अँधेरा हो गया।

क्योंकि हमारे यहाँ इन्वर्टर नहीं था तो मैंने मोमबत्ती जलाई और खाना बनाने लगी।

गर्मी ज्यादा होने की वजह से मुझे बहुत पसीना आ रहा था।
कुछ पल में ही अंकल भी वहाँ आ गए और बोलें– इतनी गर्मी में कैसे काम कर लेती हो?

मैं बोली– नहीं करूँगी तो खाना कैसे बनेगा, भूखे रहना पड़ेगा!
इस पर अंकल ने कहा– हाँ, तुम्हारी बात एकदम सही है।

उसके बाद मैं खाना बनाती रही और साथ में अंकल से बात भी करती रही।
कुछ देर में ही बिजली आ गई।

उसके बाद अंकल ने देखा कि मैं पसीने से तर-बतर थी।
तब उन्होंने कहा– तुम तो पसीने से पूरी तरह से भीग चुकी हो।

इस पर मैंने हाँ में सर हिला दिया।
कुछ देर में खाना बनकर तैयार हो गया।

उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया।
फ़िर मैं किचन का काम खत्म करने में लग गई।

चुददो भाभी को रात में दबा के चोदा :- देसी भाभी हॉट सेक्स

अंकल भी अपने कुछ काम करने में लग गए।

किचन का काम ख़त्म करने के बाद मैंने सोचा कि क्यूँ ना नहा लिया जाए।
तो मैंने अपने कपड़े लिए और अंकल को बोला– मैं नहाने जा रही हूँ।

इसके बाद मैं नहाने चली आई।
नहाकर मैंने गुलाबी रंग की नाईट ड्रेस पहन लिया।

फ़िर अंकल के रूम में उनसे बात करने चली आई।

कुछ देर तक बात करते-करते अंकल अचानक से जोर से बोले
सौम्या, तुम्हारे कंधे पर मकड़ी है।
इस पर मैं थोड़ी घबरा गई और तुरंत उठकर मकड़ी को भागने का प्रयास करने लगी।

पर तब तक मकड़ी पता नहीं कहाँ गायब हो गई थी।
तुरंत ही मकड़ी फ़िर से अंकल को दिखी।

उन्होंने मेरे गले के नीचे की तरफ इशारा किया।
तब मुझे भी महसूस हुआ कि मेरे गले के आस-पास कुछ है।

जब तक मैं कुछ समझती, मकड़ी मेरे टॉप में जा चुकी थी।
जिसे जाते हुए अंकल और मैंने भी देखा था।

इस बात से मैं काफी ज्यादा डर गई थी।

उस समय मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ और क्या नहीं।
मैंने कुछ पल तक अपने टॉप को झाड़ कर देखा।
पर मकड़ी नहीं निकली।

इसके बाद तो मेरा और भी ज़्यादा डर से दिमाग काम नहीं कर रहा था।

अचानक से मुझे कुछ नहीं समझ आया तो मैंने अपने नाईट ड्रेस के टॉप को अपने बदन से उतारकर उन्हें आजाद कर दिया।

इसके बाद जल्द ही मैंने अपनी ब्रा को भी अपने गोरे और मखमली बदन से उतार फेंका।
जिससे मेरा सुडौल सा मुलायम एवं रसीला बूब्स अंकल के सामने आ गया।

अब मैं अंकल के सामने ऊपर से पूरी तरह से नंगी खड़ी थी।
नीचे मैंने बस लोअर पहन रखा था।

यह सब देखकर अंकल ने बोला– सौम्या, यह सब क्या है?

मैं तो शर्म के मारे कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।
तब तक अंकल मेरे पास आ चुके थे।

फ़िर वे मेरी नंगी चूचियों पर अपने हाथ रखते हुए उन्होंने बोला
बहुत नर्म है यह तो, इसलिए तो मकड़ी इसके दर्शन करने घुस गई थी।
जिस पर मैं थोड़ी हँस दी।

उसके बाद अंकल ने मुझे गोद में उठाकर अपने बिस्तर पर बैठा दिया।
फ़िर वे बोलें– सौम्या, तुम घबराओ मत, मकड़ी तुम्हारे बदन से अलग जा चुकी है।

तब कुछ देर में मैं अपने पूरे होश में आ गई।
फ़िर मैं अंकल से इस घटना के लिए माफ़ी मांगने लगी।

इसपर अंकल ने कहा– माफ़ी किस बात की? ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है, तुम फिक्र मत करो।

लंड पर बैठी दीदी को तारे दिखाए

अंकल ने चोदा

इसके बाद अंकल ने बोला– तुम आज यहीं मेरे साथ सो जाओ, क्योंकि तुम बहुत ज़्यादा घबराई हुई हो।
इसपर कुछ देर तक इनकार करने के बाद मैं मान गई।

तभी एक बार फ़िर से बिजली चली गई।
रात के करीब 11 बजे का समय रहा होगा।

तब अंकल ने अपने मोबाइल की फ़्लैश लाइट को ऑन किया।
उसके बाद उन्होंने कहा– चलो इससे अच्छा आज छत पर चलकर सोते हैं।

इस बात पर मैं भी मान गई।
उसके बाद अंकल ने मुझे मेरा टॉप पहनने को दिया।

मैंने भी बिना ब्रा के बस टॉप पहन लिया।
अंकल बिस्तर और मैं मच्छरदानी लेकर छत पर आ गई।

छत पर भी उमस भरी गर्मी थी।
पर बिजली अब तक नहीं आई थी तो हमारे पास दूसरा कोई उपाय भी नहीं था।

कुछ देर लेटने के बाद मेरे बदन से पसीना निकलने लगा।
तब मैंने अंकल को बोला– यहाँ भी बहुत गर्मी लग रही है।

जिसके बाद अंकल ने मुझे प्यार से बोला
अभी तत्काल तुम अपना टॉप खोल लो, कुछ अच्छा लगेगा
उससे गर्मी भी कुछ कम लगेगी और जब बिजली आ जाएगी तब हम वापस से नीचे सोने चले जायेंगे।

इस बात पर मैं सोच में पड़ गई।
पर फ़िर मुझे अंकल की कही बात ही सही लगी तो मैंने अपना टॉप खोल दिया।

उसके बाद अंकल ने कहा– अगर तुमको बुरा ना लगे तो एक बात बोलूं?
मैंने बोला– हाँ, जो भी मन में हो बोलिए, मैं बुरा नहीं मानूंगी।

तब अंकल बोल पड़े– अभी अँधेरा है, तो अगर तुमको गर्मी ज्यादा लग रही हो तो अपने लोअर
और पैंटी को भी बिना झिझक खोल सकती हो, मुझे कोई परेशानी नहीं है।

कुछ देर सोचने के बाद मैंने अंकल को कहा– मैंने पैंटी नहीं पहना है, बस लोअर ही है।
मुझे भी मन है कि मैं अपनी लोअर को भी खोल दूँ, पर थोड़ा झिझक महसूस हो रही है।

इस पर अंकल ने बोला– तुम झिझक को अपने मन से निकाल दो। लाओ मैं ही तुम्हारे लोअर को उतार देता हूँ।

इसके बाद अंकल ने फ़िर से अपने मोबाइल के फ़्लैश को ऑन किया।
फ़िर मेरे लोअर को मेरे बदन से सीधा एक झटके में अलग करते हुए उस अँधेरे में मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया।

क्योंकि मैंने पैंटी नहीं पहन रखी थी तो मैं अब पूरी तरह से नंगी थी।
पर अब तक अँधेरे की वजह से अंकल मेरे चिकनी चूत एवं मेरे स्पंजी गांड को नहीं देख पाए थे।

अभी तक बिजली नहीं आई थी और छत पर मैं अंकल के साथ एक ही बिस्तर पर नंगी लेटी हुई थी।
एक तरफ अंकल और उनके बगल में मैं!

रात के करीब 12 बजे का समय हो गया होगा।
फ़िर कुछ देर में बिजली भी आ गई।

अंकल ने मुझे बोला– तुम यही रहो, मैं सीढ़ी का बल्ब ऑन करके आता हूँ।
उसके बाद अंकल बिस्तर को मोड़कर नीचे लेकर चले गए।

इतने में ही मुझे याद आया कि ‘मेरे कपड़े भी तो बिस्तर पर ही पड़े हुए थे,
जो बिस्तर के साथ अंकल गलती से ले गए थे।’

उसके बाद मैं ‘अंकल-अंकल’ बोलती हुए सीढ़ी के तरफ भागी।
भागने से मेरा शरीर का बैलेंस बिगड़ गया और मैं गिर पड़ी।

मेरे दायीं ऐड़ी में चोट लग गई और मुझे दर्द भी काफी हो रहा था।

इतने में अंकल वहाँ आ गए और मुझे ऐसे देखकर पूछने लगे
सौम्या यह क्या हो गया तुमको? मैंने तो बोला था वही रहने को,
तो फ़िर तुम नीचे अँधेरे में क्यूँ आ गई?

इस पर मैं बोली– अंकल, आप मेरा ड्रेस बिस्तर के साथ लेकर नीचे चले गए थे,
वही बताने मैं उतर रही थी। इतने में ही मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गई।

इसके बाद अंकल ने मुझसे पुछा– कहाँ चोट लगी है?
तब मैंने बताया– ऐड़ी में, जिसकी वजह से मैं उठ भी नहीं पा रही हूँ।

उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया।
अब मैं पूरी नंगी अंकल की गोद में थी।

मेरी दोनों चूचियां और मेरी चिकनी चूत अंकल की नज़रों के सामने था।
उनका एक हाथ मेरी पीठ पर तो दूसरा हाथ मेरी गांड के नीचे था।

कुछ ही देर में अंकल ने मुझे नीचे कमरे में लाकर बिस्तर पर लिटा दिया।
उसके बाद वे मेरे पास में ही बैठ गए।

फ़िर मुझसे बोलें– सौम्या, तुम बहुत सुन्दर हो, तुम्हारी चूचियां बहुत मुलायम हैं।
इतना कहते-कहते वे मेरी चूचियों को छूने और दबाने लगे।

फ़िर वे मेरी एक चूची को अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगे और दूसरी चूची को अपने एक हाथ से सहलाने लगे।

धीरे-धीरे उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया।
उसके बाद उन्होंने अपना हाथ मेरे पेट पर रखा और मेरे पेट को सहलाने लगे।

वे ऐसा करते हुए मेरी चूत की तरफ बढ़े।
फ़िर मेरे पैरों को हवा में उठाकर मेरी चूत को चाटने लगे।

वे कभी मेरे चूत के दानों को अपने होंठों से खींचते।
तो कभी तो कभी होंठों से दबाते।

उनके ऐसा करने से अब मैं जोर-जोर से सिसकारियां लेने लग गई थी।
मैं अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी।

अंकल ने चोदा कहानी

उन्होंने अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत की फांकों को अलग किया।
फ़िर अपनी जीभ को नुकीला करते हुए मेरी देसी चूत में घुसा दिया।

मैं अब तक बहुत गर्म हो गई थी।
फ़िर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए।

तब मेरी चूत पर अपने मोटे से लंड को रगड़ने लगे।
धीरे-धीरे उन्होंने अपने लंड को मेरी चिकनी चूत में पूरी तरह से उतार दिया और
मुझे जोर-जोर से धक्के देकर चोदने लगे।

अब मेरे गले से मादक सीत्कार आना शुरू हो गया था।
वे 10 मिनट तक धक्के लगाते रहे।

Xxx अंकल फक के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसके बाद कुछ देर तक दोनों निढाल होकर वैसे ही पड़े रहे।

कुछ देर बाद वे मुझे गोद में लेकर मेरी चूत को अपने लंड में डालकर मुझे उछाल-उछाल कर चोदने लगे।
फ़िर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर चोदा।

उस रात उन्होंने मुझे 3 बार चोदा।
उसके बाद हम दोनों वैसे ही सो गए।

तो दोस्तो, यह थी Xxx अंकल फक कहानी!
अपना कीमती सुझाव आप कमेंट्स में जरूर दें।
धन्यवाद!

Scroll to Top