दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है
और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.
यह Punjabi sex stories मेरी और मेरी गर्ल फ्रेंड की चुदाई की है.
मेरी गर्ल फ्रेंड का नाम मनप्रीत कौर है.
वह हॉट पंजाबी लड़की 21 साल की है.
उसका रंग गोरा, लम्बे बाल, नशीली आंखें,
बूब्स 34 के, कमर 30 की और 36 के कूल्हे हैं.
उसका पेट एकदम अन्दर को है.
वह इतनी सेक्सी माल है कि कोई बस एक बार देख ले,
तो उसके लौड़े में हलचल पैदा हो जाए.
यह बात तब की है जब हम दोनों ने स्कूल पास करके कॉलेज में दाखिला लिया था.
दोनों ने बीकॉम ऑनर्स में दाखिला लिया था.
एक बार कॉलेज में खाली क्लास थी.
उस दिन क्लास की बैक साइड पर जाकर हम दोनों ने थोड़ी हॉट पंजाबी सेक्सी मस्ती करने की सोची.
वहां जाकर सबसे पहले मैंने उसे अपने पास खींचा और उसके
होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चुम्बन करने लगा.
पहले वह थोड़ा डर रही थी कि कहीं कोई आ ना जाए.
इसलिए वह मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी परंतु मैंने उसे छोड़ा ही नहीं.
मैं उसके साथ चुंबन करता रहा और अब धीरे धीरे मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गए.
उससे भी खुद पर काबू करना मुश्किल होने लगा था
तो वह भी मेरा साथ पूरे जोश के साथ देने लगी.
हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे.
चुंबन के साथ ही मैं उसका एक दूध दबा रहा था.
फिर जैसे ही एक सेकेंड के लिए हमारे होंठ अलग हुए,
वह कहने लगी- यार राज, सिर्फ एक ही दबातें रहोगे क्या …
दूसरा भी तो है.
यह कह कर उसने मेरा हाथ अपने दूसरे चूचे पर रख दिया.
मैं उसका दूसरा चूचा दबाने लगा और उसकी कमीज के ऊपर से ही
उसके पहले दूध का निप्पल मुँह में लेकर चूसने की कोशिश करने लगा.
मेरा एक हाथ अब उसके दूसरे बूब पर था
और मैं उसे लगातार दबाता जा रहा था.
लगातार दबाने से उसके दोनों बूब्स एकदम टाइट हो चुके थे
और अब उसको थोड़ा दर्द भी होने लगा था.
मैं- मनप्रीत बूब्स बाहर निकाल यार …
मुझे तुम्हारे बूब्स चूसने हैं!
मनप्रीत- नहीं राज, यहां नहीं …
कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी. कोई सेफ जगह पर करेंगे.
मैंने ज़िद की- नहीं, मुझे अभी चूसने हैं!
वह- अरे मेरे राजा, चाहती तो मैं भी हूँ कि तुम इन्हें चूसो …
और चूस चूस कर सारा रस पी जाओ. लेकिन समझो ना जान …
यहां यह रिस्क नहीं ले सकते हैं. कोई सेफ प्लेस का जुगाड़ कर लो
और वहां पर जितना मन करे, उतना चूस लेना और पी जाना सारा रस …
जान जितनी आग तुम्हारे अन्दर है, उतनी ही आग यहां भी लगी हुई है!
मैं मान गया और बोला- अच्छा दबा तो लूँ?
मनप्रीत- हां जान, ऊपर से जितना मन करे, दबा लो.
अब हम दोनों फिर से किस करने लगे और मैं किस के साथ साथ उसके बूब्स दबाने लगा.
फिर मेरा एक हाथ उसके शरीर से खेलता हुआ उसकी चूत पर पहुंच गया.
उसने चौंक कर किस तोड़ी और मेरी आंखों में देखने लगी.
उसकी आंखें जैसे मुझसे कहने लगी थीं कि प्लीज रूक जाओ.
मेरी आंखें उससे मानो यह कह रही थीं कि नहीं जान, मुझसे नहीं रुका जा रहा है.
तब उसने कहा- ऊपर ऊपर से जितना मर्जी सहला लो यार.
बस मैंने सलवार की ऊपर से ही उसकी टांगों के जोड़ को सहलाना शुरू कर दिया.
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साथ ही मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया
और वह पैंट के ऊपर से ही मेरे लौड़े को रगड़ने लगी.
वह सिसकार कर बोली- राज तुम्हारा तो पूरा खड़ा है!
मैंने कहा- हां जान, यह सब तुम्हारे हाथों का कमाल है!
वह- अच्छा जी, मेरा कमाल!
इतना बोल कर उसने मेरी जिप खोल दी और लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगी.
उसने मेरे लौड़े को अपनी मुट्ठी में टाइट दबा लिया और बोली-
राज, जल्दी से कोई सेफ प्लेस ढूंढ लो,
मुझे तुम्हारा अपनी में लेना है और इसको बहुत सारा प्यार भी करना है.
मैं- किसको!
मनप्रीत कामुक हंसी के साथ बोली- तुम्हारे लंड को!
मैं- ओके, पर अभी कुछ करो इसको … नहीं तो यह फट जाएगा!
मनप्रीत- करती हूँ जान, लेकिन पहले तुम मेरी
सलवार को ढीली करके अन्दर से उंगली करो …
नीचे आग लगी हुई है जान!
मैं- अच्छा मेरी जान की चूत में आग लगी हुई है?
मनप्रीत- हां जान.
मैं- ओह मेरी जान … तुम्हारी चूत में कितनी आग लगी है … प्लीज बताओ न!
मनप्रीत- इतनी ज्यादा आ लगी है कि अगर तुम एक बार
अपनी एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर करोगे तो मैं झड़ जाऊंगी.
मैं- ओह अगर इतनी आग लगी है तो क्यों न मैं अपनी जान की आग को
अपने होंठों और जीभ से चाट कर शांत करूँ?
मनप्रीत- जान चूस भी लेना और चाट भी लेना … पर आज नहीं जान …
प्लीज यह जगह सही नहीं है!
तब मैंने समय की नजाकत को समझते हुए उसकी सलवार ढीली कर दी
और हाथ अन्दर डाल कर पैंटी के ऊपर से अपनी दो उंगलियां उसकी चूत पर घिस दीं.
मेरी इतनी सी हरकत से वह सिहर उठी और बोली कि मत तड़पाओ जान, मैं मर जाऊंगी.
अब मैं उसकी पैन्टी के अन्दर हाथ डालकर चूत के ऊपर रगड़ने लगा.
उसकी चूत में से पानी ही पानी निकल रहा था … गजब की फिसलन हो गई थी.
मैंने उसकी चूत के होंठों के बीच उंगली डाली और रगड़ने लगा.
जैसे ही उंगली से चूत को रगड़ना शुरू किया, वह सिहर उठी और उसकी आंखें फटने लगीं.
उसे देख कर भी मैंने रगड़ना जारी रखा और अभी दो
ही मिनट हुए होंगे कि उसका शरीर अकड़ने लगा.
एकदम से उसने मेरे होंठों को अपने दांतों के बीच दबा लिया और झटके से झड़ने लगी.
झड़ते वक्त उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
मैंने अब अपना हाथ उसकी चूत से बाहर निकाला जो उसकी चूत के काम रस से भीगा हुआ था.
फिर मैंने अपनी बीच वाली उंगली को मनप्रीत की तरफ
करके उसे दिखाया और अपने मुँह में डाल कर उसे चाट लिया.
मनप्रीत ने यह देखा और बोली- राज, तुम्हारी ये हरकत मुझे फिर से गर्म कर सकती है!
मैं- अच्छा तो कोई बात नहीं, हम अपनी इस कला का इस्तेमाल जरूर करेंगे!
मनप्रीत- ओके कर लेना लेकिन अभी मुझे अपना लंड दो …
इसको ठंडा कर दूँ … नहीं तो घर जाकर तुम अपने हाथों को तकलीफ दोगे!
इतना बोल कर उसने मेरा लंड पकड़ा और लौड़े को हिलाती हुई उसकी मुठ मारने लगी.
मनप्रीत ने बड़ी तेजी से मेरे लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था.
तब मैंने कहा- जान, यह ऐसे शांत नहीं होगा … तुम्हें इसको मुँह में लेना पड़ेगा.
उसने मेरी आंखों में देखा और बिना कुछ बोले ही नीचे बैठ कर
मेरे लंड के अग्र भाग पर अपनी जीभ फेर दी, फिर जीभ से लौड़े का स्वाद लेने लगी.
उसे लंड का स्वाद अच्छा लगा और उसने अगले ही पल मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
अब उसने लौड़े को चूसना शुरू कर दिया था और
चूसने के साथ साथ वह लंड की मुठ भी मार रही थी.
वह मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेने लगी थी.
मैं भी उसका सिर पकड़ कर तेजी से अपने
लंड को मुँह में अन्दर बाहर करने लगा था.
जब मेरा लंड झड़ने को हुआ तब मैंने कहा-
आह मेरा होने वाला है … कहां निकालूँ?
उसने लंड चूसते हुए ही ऊपर देख कर
आंखें बंद करके हाथ से इशारा कर दिया कि अन्दर ही निकाल दो.
मैं एक ही मिनट बाद उसके मुँह में झटके देने लगा
और एक तेज झटके के साथ मेरे मुँह से आह की आवाज निकली.
मेरे लौड़े से माल निकल कर सीधा मनप्रीत के गले में जा लगा.
लंड का प्रेशर बड़ी तेजी से रिलीज होने लगा और
कुछ ही झटकों में लंड निचुड़ कर शांत हो गया.
उसने पूरा रस गटक लेने के बाद ही मेरा लंड बाहर निकाला
और जीभ से चाट कर उसे एकदम कांच सा चमका कर साफ कर दिया.
वह लंड को अपनी मुट्ठी से सहलाती हुई बोली-
जान चलो अब इसको अपनी पैंट में अन्दर करो …
और अपन बाहर चलते हैं.
मैंने लंड अन्दर किया और थोड़ी देर बैठ कर बातें की,
फिर मनप्रीत को किस किया और कहा- चलो चलते हैं.
हम दोनों कालेज के बाहर आए और बाइक पर बैठ कर चल दिए.
रास्ते में भी हम दोनों बातें करते रहे और बातों ही बातों में उसने कहा- राज आई लव यू!
मैंने भी उससे ‘आई लव यू टू जान’ कहा.
मनप्रीत- जान जल्दी से कोई सेफ प्लेस देख लो, अब नहीं रहा जाता है.
मैं- जरूर जान. मुझे तो खुद अपनी प्यास बुझानी है.
दोस्तो, हमारे प्यार की सेक्स कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी बल्कि यह तो समझो हमारी शुरुआत थी.
उस दिन हम दोनों ने घर आकर आराम किया और रात होते ही हम दोनों की गपशप चालू हो गई.
मैंने मनप्रीत से कहा- जान, आज मुझे तुम अपनी जवानी की झांकी दिखाओ.
वह हंस कर बोली- क्यों, आज तुमने मेरी जवानी की झील सहलाई तो थी!
मैंने कहा- हां पर देखी नहीं थी यार … प्लीज दिखाओ न!
वह बोली- ओके रुको, मैं कमरे का दरवाजा बन्द करके आती हूँ.
वह कमरे का दरवाजा बन्द करके वापस आई और अपनी लोअर को पैंट समेत नीचे
करके अपनी चूत पर मोबाइल का कैमरा सैट करके चूत दिखाने लगी.
वह एक हाथ से मोबाइल पकड़ी थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी.
उसकी चूत एकदम गोरी थी और चूत से पानी बहने लगा था.
कुछ देर बाद उसने अपने टॉप को भी उतार
दिया और वह पूरी नंगी होकर मेरे सामने अपने जिस्म की नुमाइश करने लगी.
मैंने भी उसे अपने लौड़े का दीदार करवाया और हम दोनों ने एक घंटा तक एक दूसरे
के साथ दो बार स्खलित होकर अपनी प्यास बुझाने का प्रयास किया.
लेकिन दोस्तो, हमारी प्यास बुझने की जगह बढ़ गई थी.
वह कहा गया है न कि जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है.
यही हुआ, मैं अपनी जान की चुदाई के लिए बस सेफ जगह की जुगाड़ में लग गया.
हमारे नसीब से मनप्रीत की एक सहेली सिमरन ने
उसे उसके साथ घर में रहने के लिए कहा.
दरअसल उसके घर में उसके मम्मी पापा अपने बाहर पढ़ने वाले भाई के पास
दो दिन के लिए जा रहे थे और मनप्रीत की सहेली घर पर अकेली रहने वाली थी.
तो उसकी मम्मी ने उससे किसी सहेली को घर पर बुला लेने के लिए कहा.
सिमरन ने मनप्रीत से कहा- तुम मेरे घर में दो दिन के लिए रहने आ जाओ,
तो मुझे अपनी पढ़ाई के लिए घर पर ही रहने मिल जाएगा.
मनप्रीत ने हां कह दी और यह बात उसने मुझे बताई.
मैं खुश हो गया और मैंने उससे कहा- लो जी, सेफ प्लेस मिल गया.
यह सुनते ही मनप्रीत भी समझ गई कि
अब हॉट पंजाबी सेक्स का मजा मिलेगा और वह खुश हो गई.
अब दूसरे दिन वह अपनी सहेली सिमरन के घर चली गई.
सुबह सिमरन कॉलेज जाने के लिए रेडी होने लगी और
मनप्रीत ने उससे पेट खराब होने का बहाना कर दिया.
सिमरन चली गई और मनप्रीत ने मुझे बुला लिया.
घर में आते ही मैं मनप्रीत के साथ चूमाचाटी शुरू कर दी.
दोस्तो, यह तो आप भी जानते ही हैं कि जब लड़का लड़की अपनी
राजी से अकेले में मिलते हैं तो क्या गुल खिलता है.
उस दिन हम दोनों ने दो बार घपाघप की और मनप्रीत ने अपनी सीलपैक चूत फड़वा ली.
यह सब बड़ा ही सुख देने वाला वाकिया है.
यदि आप लोग कहेंगे तो मैं पूरे विस्तार से आपको जरूर सुनाऊंगा.
आप मुझे अपने कमेंट्स से जरूर बताएं कि Punjabi sex stories कैसी लगी.
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