नमस्कार दोस्तो, मैं आप सब लोगों का दोस्त विवेक फिर से आपके साथ अपने कॉलेज के दिनों किरायेदार की बेटी को चोदा में हुई एक हसीन बात को साझा करने जा रहा हूं.
इस सेक्स कहानी में स्थान और किरदारों के नाम गोपनीयता के कारण बदले हुए हैं.
यह कहानी हमारे घर में रहने आए किरायेदार की बेटी को चोदा बहुत ही खूबसूरत बेटी की चुदाई की कहानी है.
लड़की का नाम तनु था.
गर्ल सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मैं 12वीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए पंजाब के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला करवा चुका था.
हमारे घर के सामने भी हमने एक घर ले रखा है जो हम किराए पर दे देते थे.
उस समय उस घर में दिल्ली से एक बैंक मैनेजर और उनकी पत्नी अपनी दो बेटियों बड़ी तनु और छोटी शिल्पा के साथ रहने के लिए आए.
उनका तबादला हमारे शहर में हुआ था.
वे हमारे घर में अपने परिवार के साथ रहने लगे.
मैनेजर साहब को मैं अंकल और उनकी पत्नी को आंटी कहता था.
अंकल एक साधारण व्यक्तित्व के मालिक और अच्छे स्वभाव के आदमी थे
और उनकी पत्नी रीना आंटी बहुत ही गोरी-चिट्टी और मिलनसार महिला थीं.
उनकी बड़ी बेटी तनु देखने में बिल्कुल फिल्म स्टार प्रियंका चोपड़ा की तरह दिखती थी.
तनु ने हमारे ही शहर के एक कॉलेज में बीए के प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था.
पड़ोसी होने के नाते हमारा उनके घर में अक्सर आना-जाना रहता था
और आंटी भी बेझिझक घर के कामों के लिए मुझे बोल दिया करती थीं.
वैसे तो तनु के बारे में मैंने कभी भी गलत नहीं सोचा था.
लेकिन एक दिन मैं वैसे ही उसके घर में गया.
तब तनु नहा कर निकली थी और गीले बालों में बहुत खूबसूरत लग रही थी.
उसको यूं देखकर मेरे मन में तनु को चोदने के ख्याल आने शुरू हो गए.
उसी दिन से ही मैं तनु को पटाने के तरीके खोजने लगा और उसको अपनी कल्पनाओं में नंगी करके मुठ मारने लगा.
अब मैं जानबूझकर उनके घर ज्यादा आने जाने लगा और हंसी मजाक में तनु से खुलने की कोशिश करने लगा
लेकिन कोई भी बात आगे बढ़ ही नहीं रही थी.
तनु भी जवानी की दहलीज पर थी और मेरी हरकतों को बखूबी समझ रही थी
परंतु उसने कभी भी मुझसे अपने दिल की बात जाहिर करने की कोशिश नहीं की.
एक दिन मैंने सोचा कि आज जो हो जाए, तनु से बात करके ही रहूंगा.
यही सोच कर मैं तनु के घर चला गया.
आंटी किचन में काम कर रही थीं और शिल्पा अभी अपनी ट्यूशन से वापस नहीं आई थी
इसलिए मुझे और तनु को कुछ समय अकेले बैठने का मिल गया.
मैं हिम्मत जुटाकर धीमी आवाज में बोला- तनु, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी!
तनु खिलखिला कर हंसी- बुद्धू, इतने दिन लगा दिए इस बात को कहने में! मैं तुम्हें शुरू से ही पसंद करती हूं.
बस उसी दिन से हम लोगों का छुप-छुपकर छत पर मिलना और लंबी लंबी बातें करना शुरू हो गया.
शुरू शुरू में तो हम दोनों अपनी लाइफ की और कॉलेज की बातें ही शेयर किया करते थे
लेकिन धीरे-धीरे टॉपिक सेक्स पर भी आना शुरू हो गया.
थोड़ा बहुत चूमा चाटी और एक दूसरे पर हाथ फेरना शुरू हो गया.
हम दोनों के बीच सेक्स करने की कामना बलवती होने लगी थी. बस एकांत नहीं मिल पा रहा था.
किस्मत से कुछ ही दिनों में उसकी नानी जी की मौत हो गई जिसमें तनु के मम्मी पापा, शिल्पा के साथ दिल्ली चले गए.
तनु कॉलेज का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गई.
चूंकि उनका घर भी हमारे साथ वाला ही था इसलिए मुझे रात को छिपकर उनके घर जाने में कोई परेशानी नहीं होने वाली थी.
हमने रात का समय तय किया और अपने अपने घर में अपने रूटीन के कामों में लग गए.
हम दोनों ही बेसब्री से रात का इंतजार करने लगे.
में ये सोच रहा था की में आज अपने किरायेदार की बेटी को चोदा
मैं रात को 10:30 बजे छिपकर दीवार फांद कर उनके घर चला गया.
उधर वह मेरे आने का इंतजार कर रही थी.
वह टी-शर्ट और कैपरी पहन कर बालों की पोनीटेल किए हुए बहुत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी.
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वह भी शर्माती हुई थोड़ा थोड़ा साथ दे रही थी.
मैं- तनु, अगर तुम मेरा साथ दोगी तो तुम्हारे यह पल यादगार बन जाएंगे और तुम बहुत एंजॉय करोगी.
तनु- मैं तुम्हारा पूरा साथ दूंगी. लेकिन मैंने सुना है किस फर्स्ट टाइम सेक्स करने पर काफी दर्द होता है
और खून भी बहुत निकलता है.
मैं- थोड़ा दर्द तो तुम्हें बर्दाश्त करना पड़ेगा लेकिन यह मेरा वादा है कि तुम्हें मजा भी बहुत ज्यादा आएगा.
दोबारा से स्मूच करते हुए मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया.
पिंक कलर की ब्रा और काली कैपरी में खड़ी वह ऊपर वाले की खास तौर से तराशी हुई मूर्ति लग रही थी.
तनु- विवेक, प्लीज लाइट बंद कर दो, मुझे बहुत शर्म आ रही है.
मैं- तुम इन पलों का पूरी तरह से आनन्द उठाओ और मुझसे क्या शर्माना?
उसके होंठों से उसके कान की लौ चूमते हुए धीरे धीरे मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा,
जिससे वह बड़ी मीठी आवाज में सिसकारियां लेने लगी.
मैंने उसे प्यार से बेड पर बिठाया और उसकी कैपरी उतार दी और उसको मैचिंग ब्रा पैंटी में देखकर मेरा लंड फटने को हो रहा था.
वह देखने से भी साक्षात काम की देवी लग रही थी.
मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके खूबसूरत चूचों पर टूट पड़ा.
एक को मुँह में ले लिया और दूसरे को दबाना शुरू कर दिया.
मैं काफी देर तक बारी बारी से उसकी चूचियों को चूसता और दबाता रहा जिससे उसकी हालत भी काफी खराब हो रही थी
और वह बेड पर दोनों तरफ अपना सिर घुमा रही थी.
चूचियों से नीचे आते हुए मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चूसना शुरू किया.
उसकी सिसकारियां काफी तेज हो गईं और वह मेरे बाल नोंचने लगी.
मैंने उसकी बगलों को देखा तो उसकी एक कांख में अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
इससे उसे काफी गुदगुदी हो रही थी और मजा भी आ रहा था.
वह खिलखिलाने लगी थी.
फिर मैंने नीचे आकर देखा कि उसकी पैंटी योनि रस से काफी गीली हो चुकी थी और मादक सुगंध आ रही थी.
धीरे-धीरे मैंने प्यार से उसकी पैंटी उतारनी शुरू की जिसमें उसने अपनी गांड उठा कर सहयोग किया.
उसकी छोटे-छोटे रोंए जैसे सुनहरी बालों वाली बुर देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया.
बुर के आपस में चिपके हुए होंठ और उस पर बुर रस की हल्की हल्की बूंदें उसकी बुर को बहुत खूबसूरत बना रही थीं.
मैंने उसकी जांघों के अन्दर के हिस्सों पर चूमना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी बुर की तरफ बढ़ना शुरू किया.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ की नोक से उसकी भग्नासा को छुआ.
उसने लंबी आह भरी और खुद ही अपनी चूचियों को मसलने लगी.
ऐसी सील बंद बुर को चाटने का एक अलग ही मजा होता है.
उसमें से निकल रहा रस आपके कामुक भाव को कई गुणा बढ़ा देता है.
मैं भी जैसे-जैसे उसकी बुर चाट रहा था, वैसे वैसे मेरा सेक्स का नशा और बढ़ता जा रहा था.
जैसे ही तनु झड़ने के करीब हुई तो मैंने चाटना छोड़ दिया क्योंकि उसे मैं बहुत ज्यादा गर्म कर लेना चाहता था.
उसके बाद मैंने धीरे-धीरे उसकी टाइट बुर को अपनी एक उंगली से चोदना शुरू किया.
उसकी बुर इतनी टाइट थी कि एक उंगली भी मुश्किल से जा रही थी.
लेकिन थोड़ी देर लगातार चलाने से मेरी एक उंगली आराम से उसकी बुर के अन्दर जानी शुरू हो गई
और उसे मजा भी आना शुरू हो गया.
ऐसे करते-करते धीरे-धीरे मैंने दो उंगलियों से उसकी बुर को थोड़ा ढीला किया और लंड के लिए रास्ता बनाना शुरू किया.
इतनी देर से मेरा 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड फटने को हो गया और उसकी नसें भी काफी उभर कर बाहर आ गईं.
फिर मैंने जमीन पर कंबल बिछाकर तनु को कंबल पर दो तकिया लेकर लेटने के लिए कहा.
ऐसा मैंने इसलिए किया क्योंकि जब भी हम किसी सील बंद और कुंवारी लड़की के साथ
पहली बार सेक्स करते हैं तो बेड पर गद्दे पर लड़की को पीछे खिसकने की जगह मिल जाती है.
जिससे थोड़ा अन्दर गया लंड बाहर आ जाता है और लड़की दोबारा डलवाने से घबराती है.
मैंने तनु को कंबल पर लेटाया और उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा, जिससे उसकी बुर का मुँह ऊपर की तरफ हो गया.
इस तरह से लेटने से सेक्स करने में आसानी रहती है.
उसकी दोनों टांगों के बीच बैठकर मैंने अपना लंड उसकी बुर की फांकों के साथ घिसना शुरू किया
जिससे उसकी बुर से पानी बहना शुरू हो गया और वह सेक्स करने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार हो गई.
मैंने उसकी बुर और अपने लंड पर काफी सारा थूक लगाया और धीरे-धीरे लंड का सुपारा उसकी बुर में घुसा दिया.
मैं- तनु तुम ठीक हो … तुम्हें ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा?
तनु- मैं ठीक हूं क्योंकि मुझे लग रहा है कि तुमने जैसे उंगलियों से रगड़ रगड़ के मेरी बुर को सुन्न ही कर दिया है.
उसके साथ बातें करते करते मैंने अपने लंड पर दबाव बनाना जारी रखा.
लगभग डेढ़ इंच तक मेरा लंड उसके बुर में घुस चुका था.
दर्द तनु के चेहरे पर नजर आ रहा था लेकिन वह दर्द बर्दाश्त करती हुई मुझे सहयोग दे रही थी.
आगे बढ़ने से पहले मैंने धीरे धीरे उसकी एक चूची को पीना और दूसरी को सहलाना शुरू किया.
फिर जैसे ही मुझे लगा कि इसका दर्द अब कम है,
तो मैंने पूरा दबाव बनाते हुए एक झटके से पूरा लंड उसकी बुर में उतार दिया.
पूरा लंड अन्दर जाते ही तनु की आंखें फैल गईं और वह दर्द से छटपटाने लगी.
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में भर लिया और दूसरी को मसलने लगा.
दूसरे हाथ से उसकी कमर और टांगों को सहलाता रहा.
थोड़ी देर प्यार से सहलाने और चूचियों को मसलने के बाद वह सामान्य होना शुरू हो गई
और नीचे से धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगी.
मेरे पूछने पर तनु ने बताया कि उसे अभी काफी दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द दूर हो जाएगा. अब दर्द वाला काम लगभग खत्म हो चुका है.
उसने कहा कि तुम एक बार बाहर निकाल लो, मैं दोबारा करने से मना नहीं करूंगी.
मुझे उसकी इसी बात पर काफी प्यार आया और मैंने अपना लंड उसकी बुर से बिल्कुल बाहर निकाल दिया.
लंड के बाहर निकालते ही उसकी बुर से थोड़ा-थोड़ा खून आना शुरू हो गया.
खून देखकर वह जरा घबरा गई.
पर जब मैंने उसे समझाया कि यह बिल्कुल सामान्य है. अब तुम कैसा महसूस कर रही हो!
खून के बाद उसकी बुर से सफेद पानी निकलना शुरू हुआ तो उसने कहा- अब मैं काफी
हल्का महसूस कर रही हूं. अब तुम दोबारा शुरू कर सकते हो.
दोबारा शुरू करने के बाद भी मैंने तेज तेज धक्के मारने शुरू नहीं किए क्योंकि
मैं चाहता था कि तनु पूरी तरह से सामान्य हो जाए और अपने फर्स्ट सेक्स का भरपूर मजा ले.
तनु- अब खुश हो, कर लिया किला फतह?
मैं- ऐसा कुछ नहीं है हम दोनों ही अभी गैर तजुर्बेकार हैं. इसीलिए मैं चाहता था कि यह फर्स्ट
टाइम सेक्स हम दोनों के लिए एक अच्छी यादगार बने.
मैंने तनु को अभी तक यही बताया था कि मैंने जिंदगी में कभी सेक्स नहीं किया है.
फर्स्ट टाइम तुम्हारे साथ ही करूंगा.
जबकि मैं पहले भी कई लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका था.
इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए.
जिससे उसे भी मजा आना शुरू हुआ.
उसकी बुर से मेरे लंड के साथ थोड़ा थोड़ा खून और पानी बाहर की तरफ आना शुरू
हो गया जो उसकी गांड को भिगोता हुआ कंबल तक जा रहा था.
तनु की बुर मैं अब मेरे लंड की जगह बन गई थी इसलिए अब मैंने जोर जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए.
धक्के तेज महसूस होते ही तनु ने मेरे पेट पर हाथ लगाकर मुझे थोड़ा धीरे धक्के मारने के लिए कहा.
ऐसे ही थोड़ी देर धक्के मारने के बाद मैंने तनु से पोजीशन चेंज करके ऊपर आने के लिए कहा.
‘जान लंड की सवारी करना चाहोगी?’
जवाब में तनु ने कहा कि अब से मैं तुम्हारी हूँ … तुम जो चाहोगे, मैं वही करूंगी.
मैं नीचे लेट गया.
सेक्स करने के लिए मेरा लंड पकड़ कर अपनी बुर में डाल कर मेरे ऊपर बैठ गई और धीरे धीरे धक्के मारने लगी.
उस पर मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
दोहरे धक्के लगने की वजह से तनु 2 मिनट में ही लंबी सिसकारी लेते हुए झड़ गई
और बुर में लंड फंसाए हुई ही मेरे सीने पर अपना सर रख कर लेट गई.
थोड़ी देर बाद अपनी सांसों को काबू करती हुई वह उठी और अपने बिखरे बालों को ठीक करती हुई
मेरी आंखों में देखकर मुस्कुराने लगी.
मुझे उसके चेहरे पर उस समय एक अलग ही संतुष्टि और ताजगी नजर आ रही थी.
मैं- तुम्हारा तो हो गया है … अब आगे क्या करना है!
तनु- तुम जैसा ठीक समझो, वैसे कर लो.
फिर मैंने तनु को डॉगी पोजिशन में आने को कहा और पीछे से उसकी
बुर में लंड ठोक कर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए.
शुरू शुरू में तनु को दर्द हो रहा था लेकिन बाद में उसे भी मजा आना शुरू हो गया.
धक्के लगाते हुए मैं उसके गोरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था जिससे मुझे काफी मजा आ रहा था.
तनु ने कहा- जमीन पर इस पोजीशन में मेरे घुटनों में दर्द हो रहा है. अब बाकी का काम बेड पर कर लेते हैं.
मैंने उसे बेड के किनारे पर घोड़ी बनने को कहा और खुद जमीन पर खड़े खड़े उसकी बुर में लंड डाल दिया.
हम काफी देर से सेक्स कर रहे थे जिससे तनु भी काफी थक चुकी थी और मैं भी थक चुका था.
इसलिए मैंने तेज तेज धक्के लगाते हुए अपना माल
उसकी गांड के ऊपर छोड़ दिया और हम दोनों बेड पर एक दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए.
दोस्तो, यह मेरी पड़ोसी किरायेदार की बेटी को चोदा की कमसिन जवान लड़की तनु की सीलतोड़
चुदाई की कहानी एकदम सच है.
कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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