बेहेन ने बताया चुदाई क्या होती है :- sister sex story

दोस्तो, मेरा नाम अनुज है. मैं पंजाब का रहने वाला हूँ
और बहुत दिनों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक भी हूं.
इधर प्रकाशित बहुत सी गर्मागर्म कहानियां पढ़ चुका हूँ तो सोचा कि
आज मैं भी अपनी sister sex story आप लोगों के साथ साझा करूं.

यह सेक्सी brother and sister sex story आज से करीब पांच साल पहले की है,
तब मैं सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ता था.

हम लोग मिडल क्लास परिवार से हैं, तो उस वक्त हम सब किराए के मकान में रहते थे.

आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी फैमिली के बारे बता देता हूँ.
मेरे घर में हम छह लोग रहते हैं. मैं, मेरा भाई, दो बहनें और मम्मी पापा.
उस वक्त मेरे माता पिता प्राइवेट नौकरी करते थे और बहनें घर पर रहती थीं.

ये सेक्स कहानी मेरी छोटी दीदी की है.
वे दोनों बहनों में छोटी हैं और मुझसे बड़ी हैं.

उनका रंग गोरा है, हाइट 5 फुट 3 इंच है, गोल चेहरा, बला की खूबसूरत हैं.
अगर कोई उनको देख ले, तो उसका लंड वहीं खड़ा हो जाए.
दीदी का फिगर लगभग 32-28-34 का रहा होगा.

हम दोनों भाई स्कूल से घर आते थे तो मेरा बड़ा भाई बाहर घूमने निकल जाता था.
पर मुझे बाहर जाना अच्छा नहीं लगता था.
मैं अपने घर के बाहर ही चौखट पर बैठा रहता था.

एक दिन लड़का मेरे पास आया, उसका नाम राजा था.
वह मुझसे बोला- भाई, घूमने चलेगा क्या?

पहले तो मैंने उसे मना किया पर उसके दोबारा बोलने पर मैं उसके साथ घूमने चला गया.

हम दोनों वहीं के एक खेत में बैठ गए.
उसने मुझसे कहा- भाई, अगर तू गुस्सा न करे … तो एक बात बताऊं!
मैंने कहा- बता भाई!

तो उसने कहा- भाई, मुझे तेरी बहन बहुत पसंद है.
उसकी बात सुनकर मुझे बड़ा गुस्सा आया.
मैंने कहा- यह क्या बकवास कर रहा है?
उसने कहा- भाई तू मानेगा नहीं, पर मैंने तेरी बहन को चोदा भी है!

यह सब सुन कर मुझे गुस्सा तो बहुत आया.
पर मैं कर भी क्या सकता था.

वह लड़का मुझे बहुत बड़ा था और अगर मैं उसे गाली देता या मारता,
तो वह मुझे ही धो देता.
मैं बस चुपचाप सुनता रहा.

उसने आगे कहा- तेरी छोटी दीदी बहुत चुदासी है,
मैंने उसे बहुत बार चोदा है और उसे अपना लंड भी चुसवाया है.

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उसकी बात सुनकर मैं भी एक बार के लिए सोचने लगा कि ये जो कह रहा है,
कहीं वह सच तो नहीं है!

उसने आगे बताया- जब तुम दोनों स्कूल गए होते हो,
तो मैं तुम्हारे घर जाता हूँ और तुम्हारी दीदी मुझसे चुदवाती है.
मुझे उसकी बात सुनना अच्छा नहीं लगा और मैं उठ कर घर आ गया.

मैंने घर में दीदी को ढूंढा, तो दीदी मुझे कपड़े धोते हुई मिली.

मैं घर में गुस्से में आया था पर इस बात को लेकर मुझे उनसे पूछने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी.

दिन गुजर गया, रात को हम खाना खा कर सोने के लिए छत पर आ गए.
मैं दीदी के बगल में लेटा था.

मेरे दिमाग में वही दिन वाली बात घूम रही थी.
मैंने आखिरकार हिम्मत करके अपनी बहन से पूछ ही लिया- दीदी एक बात पूछूं?
दीदी- हां बोल क्या बात है?

मैं- दीदी आप गुस्सा तो नहीं होगी ना!
दीदी- नहीं होती, बोल अब जल्दी से?

मैं- दीदी ये चुदाई क्या होती है?
यह सुनते ही दीदी मुझे बाल से पकड़ कर मारने लगीं.
मैंने उनसे माफी मांगी।

उन्होंने मुझसे पूछा- यह सब तुझे किसने सिखाया?
मैंने रोते हुए कहा- वह जो राजा है ना …
उसने मुझे आपके बारे में बोला कि आप और वह दोनों हमारे स्कूल जाने के बाद चुदाई करते हो!

राजा का नाम सुनते ही दीदी को सांप सूंघ गया.
उन्होंने मुझे चुप कराते हुए पूछा- और क्या कहा उसने?
मैंने उनको सारी बात बता दी.

दीदी सारी बात सुनकर कुछ देर चुप रहीं,
फिर बोलीं- तुम यह सब मम्मी पापा को मत बताना प्लीज!
मैंने कहा- नहीं बताऊंगा … लेकिन आप भी वादा करो कि मुझे भी चुदाई के बारे में बताओगी.

वे कुछ सोचने के बाद मान गईं और बोलीं-
जब सब सो जाएंगे, तब मैं तुझे बताऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है दीदी.

एक घंटे बाद लगभग ग्यारह बजे के करीब मैंने दीदी से फिर पूछा- दीदी,
अब तो सब सो गए, अब तो बता दो!

दीदी ने इधर उधर देखा तो हमारे अलावा छत पर और कोई नहीं था.

तब दीदी ने मुझे चुदाई के बारे में एक दो कहानियां सुनाईं.

मैंने उनसे पूछा- दीदी ये चुदाई कैसे करते हैं?
उन्होंने मुँह बनाते हुए कहा- ये सब जानने के लिए अभी तू छोटा है.

मैंने थोड़ी जिद की- दीदी बताओ ना प्लीज!
तो वे मान गईं और उन्होंने बताना शुरू कर दिया.

दीदी- जब कोई लड़का किसी लड़की की पेशाब करने वाली जगह में अपनी नुन्नी
डाल के धक्के मारता है, उसी को चुदाई कहते हैं. फिर लड़का और लड़की दोनों मजे करते हैं.

यह सब सुनते ही मेरी नुन्नी में भी तनाव आने लगा.

मैंने दीदी से पूछा- दीदी, मेरी नुन्नी में ये क्या हो रहा है?
दीदी ने मेरी नुन्नी की तरफ देखा और हाथ लगाने लगीं.
तो मुझे थोड़ा अच्छा लगा, मेरे शरीर में गुदगुदी से होने लगी.

दीदी ने मेरा चेहरा देखा और पूछा- क्या हुआ?
मैंने उन्हें बताया- दीदी, आपने हाथ लगाया तो मेरी नुन्नी में गुदगुदी सी हुई.

दीदी ने फिर से मेरी नुन्नी में हाथ लगाया और पूछा- अच्छा लग रहा है?
मैंने हां में सिर हिला दिया.
वे हंसने लगीं.

फिर मैंने कहा- दीदी, मुझे भी आपकी नुन्नी छू कर देखना है.
तो उन्होंने कहा- तेरे नाखून बड़े हैं, तू मेरी सूसू वाली जगह को छील देगा.

मैंने कहा- नहीं दीदी, मैं सिर्फ ऊपर से छू कर देखूंगा.
इस बात पर वे मान गईं.

दीदी ने अपनी सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया और बोलीं-
यहीं से हाथ डाल कर चेक करके देख ले.
जब मैंने हाथ डाला तो मुझसे गर्म गर्म लगा और थोड़ा चिपचिपा सा भी कुछ लगा.

मैंने उनकी चूत के अन्दर उंगली डाली तो दीदी की सांसें तेज हो गईं.

तब मैंने पूछा- दीदी क्या हुआ?
तो दीदी ने कहा- कुछ नहीं, ऐसे ही हल्के हल्के हाथ फेर …
मुझे अच्छा लग रहा है.
मैंने वैसे ही करना शुरू कर दिया.

दीदी आंखें बंद करके तेज तेज सांसें लेने लगी थीं.

इधर मेरी नुन्नी भी बहुत देर से तनाव में थी तो उसमें थोड़ा दर्द होने लगा था.

मैंने दीदी को बताया, तो दीदी फिर से अपना हाथ मेरी पैंट के अन्दर डाल
कर मेरे नुन्नी को पकड़ कर आगे पीछे करने लगीं.
मुझे भी मजा आने लगा.

फिर अचानक मुझे उस लड़के की बताई हुई बात याद आई कि
उसने मेरी बहन को लंड चुसाया था.
जैसे ही मुझे यह वाली बात याद आई,
मैंने दीदी से बोला- दीदी, एक बार मेरी नुन्नी भी वैसे ही चूसो ना,
जैसे राजा का लंड चूसा था आपने!

इस बात को दीदी मान नहीं रही थीं.
वे बोल रही थीं- तू मेरे मुँह में पेशाब कर देगा.

मैंने मिन्नत करते हुए कहा- दीदी नहीं करूंगा, प्लीज एक बार चूसो ना!
तो वे मान गईं और वैसे ही लेटी हुई थोड़ा नीचे को हो गईं.

उन्होंने मेरी जिप खोल कर मेरी पैंट कमर तक उतार दी और मेरी नुन्नी को चूसने लगीं.
जैसे ही उनकी गर्म जीभ मेरी नुन्नी के शीर्ष पर लगी,
मुझे ऐसा लगा मानो मेरे शरीर से आत्मा निकल गई हो.
मैं कांप गया.

दीदी ने मुझसे पूछा- तुझे पेशाब तो नहीं आ रही है न!
मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा आ रहा है.

यह सुनकर उन्होंने मेरे लंड को चूसना जारी रखा.
पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद वे बोलीं- बस … अब और नहीं.

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मैंने कहा- दीदी थोड़ा सा दूध पिला दो ना … फिर मैं सोने जा रहा हूं!
अब तक मेरी दीदी भी चुदासी हो गई थीं.

तो उन्होंने अपना कमीज ऊपर किया और अपने दूध बाहर निकाल दिए.
मैंने उनका एक दूध मुँह में लिया और चूसने लगा.

शायद उन्हें भी अपने चूचे चुसवा कर अच्छा लग रहा था इसलिए वे बोलीं-
सिर्फ चूसना, दांत से काटना मत!
मैंने कहा- ठीक है और फिर से उनका दूध पीने लगा.

दूध पीते पीते पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मैं सो गया.
सुबह दीदी ने मुझे उठाया और कहा- रात वाली बात किसी को मत बताना!
मैंने कहा- ठीक है दीदी.

मैं उठ कर नीचे चला गया, नीचे जाकर फ्रेश आदि होकर नहाने लगा.
उसके बाद नाश्ता करके मैं और भाई स्कूल चले गए.

जब स्कूल से छुट्टी हुई तो मैं भागते हुए जल्दी जल्दी घर आ पहुंचा.
बस्ता उतार कर एक साइड में रख दिया और वर्दी उतारी.

फिर घर के कपड़े पहन कर हाथ धोकर खाना खाने बैठ गया.

खाना खाने के बाद मैं और दीदी टीवी देखने लगे.
पर मेरा मन टीवी देखने का नहीं हो रहा था;
मुझे तो कल रात वाली बात याद आ रही थी.

मैंने दीदी से कहा- दीदी, जो कल रात में किया था, वह फिर से करें?
दीदी गुस्सा करने लगीं और मुझे मारने के लिए बढ़ने लगीं.

मैं डर गया और बोला-
अगर आपने मारा, तो मैं मम्मी को राजा वाली बात बता दूंगा.
वे रुक गईं.

मैंने कहा- क्यों रुक को गईं, आओ मारो न!
वे डांट कर बोलीं- चुप रह और यह सब हर वक्त अच्छा नहीं लगता.
रात को करूंगी.

मैंने ओके कहा और पढ़ने बैठ गया.

जब शाम हुई तो मैं छत पर सोने आ गया.

कुछ देर बाद दीदी भी आ गईं.
मैंने कहा- आज तो मैं आपकी चुदाई करूंगा.

वे कुछ नहीं बोलीं.
चुपचाप लेट गईं.

मैंने अगल बगल की छतों पर देखा और उनकी चूचियों को दबाने लगा.

जल्द ही दीदी भी गर्मा गईं और बोलीं- इधर नहीं …
उधर पानी की टंकी की आड़ में चल.
मैं उनके साथ पानी की टंकी की आड़ मे आ गया.

उधर सेक्सी सिस्टर हॉट ने गेम शुरू किया.
वे अपने साथ कंडोम लाई थीं.

उन्होंने मेरे लंड को चूस कर खड़ा किया और
उसके बाद मुझे अपनी गोदी में लिटा कर चूचियां चुसवाने लगीं.

फिर वे बोलीं- तूने कभी चुदाई की भी है?
मैंने कहा- आपको लगता है कि मैंने अब तक किसी की चुदाई की होगी?

वे बोलीं- अब यह कैसे कह सकती हूँ …
तेरी हरकतें तो बता रही हैं कि तू चुदाई के बारे में काफी कुछ जानता है.
मैंने कहा- इतना तो आजकल स्कूल में लड़के आपस में सब सीख जाते हैं.

वे बोलीं- चल देखती हूँ कि कितनी देर तक तेरा हथियार काम करता है?
मैंने कहा- दीदी, यह तो सब आपको ही सैट करना पड़ेगा कि कैसे लंड को आपकी चुत में पेलूँ?

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वे बोलीं- अच्छा, जब तुझे लंड चूत की जानकारी भी थी तो नुन्नी सुसू क्यों कह रहा था?
मैंने हंस कर दांत दिखा दिए.

फिर दीदी ने चुदाई की पोजीशन बनाई और मेरे लंड पर
कंडोम चढ़ा कर उसको अपनी चूत में सैट कर लिया.

जैसे ही दीदी ने कहा- अब पेलो.
मैंने शॉट मार दिया.

दीदी की हल्की सी आह निकली और वे मेरे मासूम लंड को अपनी चुत में लील गईं.

राजा का लंड मुझसे शायद बड़ा था इसलिए उन्हें मेरे लौड़े से कोई फर्क नहीं पड़ा था.

पर मैं काफी देर तक लगा रहा.
राजा शायद पांच छह मिनट में ही ढेर हो जाता था
जबकि मैंने अपनी दीदी को बीस मिनट तक देसी चुदाई का मजा दिया.

उस दिन मैंने दीदी के साथ चुदाई करके सेक्स का मजा ले लिया था
और शायद दीदी को भी समझ में आ गया था कि घर में चुदाई करवाना ज्यादा सेफ है
इसलिए उन्होंने राजा की गांड पर लात मार कर उसे भगा दिया.
अब मैं मजे से अपनी दीदी को पेलता हूँ.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी पहली सेक्सी सिस्टर हॉट स्टोरी?
आप अपने सुझाव मुझे ईमेल द्वारा दे सकते हैं.

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