यह चुदाई सेक्स ड्रामा कहानी मेरी मम्मी की एक सहेली की है.
वे हमारे पड़ोस में ही रहती हैं.
वे अक्सर मेरे घर आती रहती हैं और कई बार मम्मी
घर पर नहीं होती तो वे मेरे साथ बातें करती हैं.
दरअसल उनके पति की मृत्यु भी मेरे पापा के
साथ ही एक दुर्घटना में हुई थी.
उनके मात्र एक बेटा है.
उनके पति आर्थिक स्थिति में कुछ ठीक थे
तो आंटी ने अपनी जिंदगी बैठे बैठे निकाल ली.
उनके बेटे अनिल की उन्नीस साल की उम्र में ही कोई प्राइवेट जॉब
लग गयी, जिससे उनका गुजारा चल रहा था.
अब तक उनके बेटे को सर्विस करते हुए करीब 5 साल हो चुके थे.
उसके बाद में लगने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन मिल चुका था
लेकिन उसे अभी तक प्रमोशन नहीं मिला था.
आंटी का बेटा अनिल इससे परेशान रहने लगा.
वह टाइम पर खाना खाता ना सोता.
उसको परेशान देखकर आंटी भी टेंशन में रहने लगी थीं.
उन्होंने अपने बेटे से जब परेशानी का कारण जानना
चाहा तो भी उसने कुछ नहीं बताया.
आंटी ने जब अधिक जोर देकर पूछा.
तो उसने कारण बताया कि उसके बाद वाले बंदों का
प्रमोशन हो गया और उसका नहीं हुआ!
आंटी बोलीं- तू अपने बॉस से बात क्यों नहीं करता …
और यदि तेरे से नहीं होता तो मैं उनसे बात करती हूँ!
यह सुनकर आंटी का लड़का एक दम से जैसे भड़क गया- नहीं मम्मी,
आप कभी मेरे ऑफिस मत जाना!
उसके भड़कने और आंटी को ऑफिस ना आने की बात पर आंटी भी अचम्भित हो गईं.
उन्होंने अपने बेटे को अपनी कसम देकर पूछा कि सच सच बता कि बात क्या है?
तब उसने बताया कि उसका बॉस बहुत ही कमीना इन्सान है
और उसने जिन लोगों को प्रमोशन दिया है, वह अपने घर की औरतों या
लड़कियों के साथ अपना बिस्तर गर्म करने की ऐवज में दिया है.
यह सुन कर आंटी परेशान हो गईं.
उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था.
एक दिन यह बात उन्होंने मुझे बताई.
आंटी की बात सुनकर मुझे भी अजीब लगा.
मैं आंटी की मदद करना चाहती थी और कर भी सकती थी,
पर आंटी से कैसे ऐसी बात खुल कर करूँ, यह समझ नहीं आया.
दरअसल मैं सेक्स के मामले में एकदम खुली हुई हूँ और
अब तक मैंने अनेक मर्दों के साथ सेक्स किया है।
मैं अपनी खुशी के लिए सेक्स करती हूँ न कि मुझे किसी तरह की कोई चुल्ल है.
उस दिन आंटी तो चली गईं पर वे मुझे टेंशन में डाल गईं.
मैं कोई रास्ता खोजने लगी.
मुझे एक तरकीब सूझी.
मैंने आंटी के बेटे से दोस्ती कर ली, उसके साथ घूमने आने जाने लगी.
दो तीन दिन में अनिल खुद भी मेरे साथ एकदम फ्री हो गया.
मैं भी उसके साथ घुल मिल गयी.
एक हफ्ते में ही हम दोनों बाहर होटल में जाने लगे.
उसके साथ मेरी चुदाई भी शुरू हो गई.
मैं रात रात भर उसके साथ होटल में नंगी होकर चुदाई और फ़ोरप्ले करने लगी.
कुछ दिन बाद मैंने जानबूझकर उसके जॉब और प्रमोशन की बात छेड़ी.
तो जैसे मैंने उसकी दुःखती रग पर हाथ रख दिया.
उसने सब कुछ मुझे बता दिया जो कि मुझे पहले से पता था.
मैंने उसे मदद करने की पेशकश की और हमने एक प्लान बनाना शुरू किया.
एक दिन आंटी का लड़का अनिल अपने बॉस से मिला और प्रमोशन की डिमाण्ड कर दी.
उसने बॉस से कह दिया- मेरे से जूनियर लोगों का प्रमोशन हो गया, तो मेरा क्यों नहीं!
बॉस भी गजब हरामी था, उसने भी सीधा जवाब दे दिया-
अनिल तुम्हें पता है कि उनका प्रमोशन क्यों हुआ और तुम्हारा क्यों अटका है?
अनिल को बॉस की बात समझ आ गयी.
वह बोला- मेरी बूढ़ी माँ के अलावा मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है,
पर मेरी एक गर्लफ्रैंड है. आप कहो तो उसे भेज दूँ
या आप कहो तो उसके घर पर भी लेकर चल सकता हूँ!
यह सुनते ही बॉस एकदम से खुश हो गया और बोला- नेकी और पूछ पूछ?
वह बोला- कब चलना है?
अनिल- जब मेरी मम्मी घर पर नहीं होंगी, तब आपको अपने साथ ले चलूँगा.
फिर आखिर वह पल आ ही गया जब अनिल अपने बॉस को मेरे घर ले ही आया.
उसने मुझे पहले से बता दिया था तो मैं उन दोनों के इंतजार में बैठी ही थी.
दरवाजे पर दस्तक हुई.
मैंने आराम से जाकर दरवाजा खोला.
दरवाजा खुलते ही वह दोनों अन्दर आ गए और सोफे पर बैठ गए.
मैंने पानी वगैरह पूछ कर अनजान बनते हुए अनिल को पूछा- ये कौन हैं?
अनिल ने मुझे अपने बॉस से मिलवाया और आने का कारण बताया.
मैंने जानबूझकर आनाकानी की.
पर मुझे देखते ही उसका बॉस रेडी हो चुका था.
वह अब हर हाल में मुझे चोदना चाहता था.
जब मैंने मना किया तो वह अनिल पर गुस्सा होने लगा
और अनिल लाचारगी में मुँह ढीला करके बैठ गया.
उसके बॉस ने गुस्से में होश गँवा दिए थे
और वह मेरे साथ जबरदस्ती करने पर उतारू हो गया.
जो कि हम चाहते ही थे.
मैं जल्दी से भागकर उसी कमरे में घुस गई
जहां पहले से कैमरा सैट था.
उसने मुझे पकड़ कर मेरा सलवार कुर्ता फाड़
दिया अब मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में रह गई थी.
बॉस ने मुझे दोनों हाथों से कस कर अपनी बांहों
में जकड़ लिया था और मुझे चोदने को बेक़रार हो रहा था.
मैंने झूठ-मूठ का छूटने का प्रयास किया
पर एक खेले खाये मर्द से छूटना इतना आसान तो था नहीं.
अनिल कैमरे में ऑन स्क्रीन आना नहीं चाहता था
इसलिए वह कमरे से बाहर ही रहा.
उसके बॉस ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और ब्रा पैंटी भी खोल दी.
वह मेरे ऊपर से उठा और जल्दी से दरवाजा बंद किया.
अब मैं भाग नहीं सकती थी और ना ही भागना चाहती थी
पर मैंने जबरदस्ती चुदाई वाला नाटक चालू रखा.
उसने अपने सारे कपड़े एक ही झटके में
अपने से अलग कर दिए और जन्मजात नंगा हो गया.
उसका लम्बा लंड देखकर मैं तो ललचा ही गयी थी …
पर अपना नाटक करते हुए उसके सामने गिड़गिड़ाई, हाथ पैर जोड़े.
पर उस पर चुदाई का भूत चढ़ चुका था.
उसने मुझे लालच दिया, ऑफर किए …
पर हमारा तो खेल अलग ही था, चु
दाई सेक्स ड्रामा चल रहा था मेरी तरफ से!
जब मुझे राजी नहीं कर पाया तो फिर अपने
बाहुबल का उपयोग करके मेरे ऊपर चढ़ गया.
मैं भी तो उसी पल का उस नए लंड का इंतजार कर रही थी.
उसने मेरे दोनों हाथ कस कर पकड़ लिए और मेरे होंठों को चूमने लगा.
जब रसीले होंठों को अच्छी तरह निचोड़ चुका तो उसने मेरे मम्मों को चूसना शुरू किया.
दोस्तो, आपको तो पता होगा कि जब मर्द औरत के मम्मों
चूसता है तो औरत की चूत की खुजली बढ़ ही जाती है.
अब जब मैं पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी, मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था …
पर फिर भी मैंने अपना नाटक चालू रखा क्योंकि मुझे पता था कि
पंछी पूरी तरह जाल में फंस चुका है और अब कुछ ही सेकेंड में उसका प्यारा
लंड मेरी चूत की गहराइयों को नापेगा.
थोड़ी देर तक मम्मों को टटोल कर उसने अपना
हथियार मेरी गर्मागर्म चूत पर सैट कर दिया.
आखिर वह घड़ी भी आ गयी, जिसका इंतजार हम दोनों कर रहे थे.
उसका मोटा लंड एक ही झटके में मेरी चूत के सागर में गोते खाने लगा.
अब मेरी सांसें भी मेरा साथ छोड़ चुकी थीं.
मैं भी उस चुदाई का मजा लेने लगी थी.
पर मैंने वीडियो कैमरे का पूरा ध्यान रखा कि कुछ शक के दायरे में ना आ जाए.
मैं तड़फने का नाटक करती थी और किसी अबला की तरह
अपनी इज्जत लुटवाने वाली किसी मजबूर लड़की की एक्टिंग करती रही.
इस तरह करीब 8-10 मिनट तक चुदाई के बाद वह मेरे ऊपर से उठ गया.
जब वह उठा तो मैं जानबूझकर कर रोने लगी औऱ उसे कोसने लगी.
वह मुस्कराता हुआ बाहर निकला और उसके निकलते ही मैं भी उसके पीछे बाहर आ गई.
मैं अनिल से चिपक कर एक विजेता की तरह मिली.
उसका बॉस जा चुका था और अगले दिन अनिल के हाथ
में उसका प्रमोशन लेटर था और मेरे हाथ में वह वीडियो था.
यह वीडियो मैंने इसलिए नहीं बनाया था कि उसे धमका सकूँ …
बल्कि इसलिए बनाया था ताकि वह मुझे चोदने के बाद प्रमोशन में आना-कानी न करने लगे
कि मजा नहीं आया … दूसरी तीसरी बार चोदने की बात करने लगे.
तब उस स्थिति में मैं उसे यह वीडियो दिखा कर समझआ सकूँ कि बेटा अब तेरे लंड की मां की चूत.
लेकिन एक बात थी कि अनिल के बॉस से चुदने के बाद मैं खुद
अनिल के लंड से चुदने से बचने लगी थी.
अनिल के बॉस का लंड वाकई बहुत दमदार लंड था.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं एक दिन अनिल के
साथ उसके बॉस के ऑफिस में पहुंच गई.
वह मुझे देख कर मुस्कुरा दिया.
मैं कुछ नहीं बोली.
वह मुझे अपने केबिन में ले गया और उसने
अनिल से बाहर जाने के लिए कह दिया.
अनिल के बाहर जाते ही उसने अपनी दराज से वोदका की बोतल
निकाली और एक पैग बना कर मेरी तरफ सरका दिया.
मैंने उस गिलास को नहीं उठाया.
वह बोला- बहुत लाइट है … तुम्हें अच्छी लगेगी … प्लीज ले लो.
मैं भी दारू पीने का शौक रखती थी तो मैंने उस गिलास को उठाया
और एक ही सांस में खाली कर दिया.
वह हंसने लगा और बोला- गुड … यह तो और भी अच्छा है
कि एक ही बार में खत्म कर दिया.
मैंने मुँह बनाते हुए स्वाद ठीक करने जैसी स्थिति बनाई.
तो उसने भुने हुए काजू का डिब्बा मेरी तरफ सरका दिया.
मैंने दो काजू खाए और उसकी तरफ वासना से देखने लगी.
वह हंस दिया और बोला- कुछ देर तक तुम्हें देखने का
मन कर रहा है, उसके बाद बात करेंगे … ठीक है न!
मैं समझ ही नहीं पाई कि उसने वोदका वाले गिलास
में कोई कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवा की बूंदें मिलाई हुई थीं.
उसका नतीजा भी बॉस के मुताबिक ही निकला.
अगले कुछ मिनट तक मैं उसे देखती रही और वह एक
सिगरेट सुलगा कर मेरी तरफ धुआं उड़ाता रहा था.
आखिरकार मेरी चूत में चींटियां रेंगने लगीं तो मैंने अपना हाथ
बढ़ा कर उसके हाथ से सिगरेट ले ली.
दो कश लेकर मैंने उसकी तरफ धुआं उड़ाया और उसके
सामने के कुर्सी से उठ कर ऑफिस में पड़े सोफ़े पर बैठ कर
अपनी टांगें खोल कर चूत पर हाथ फेरने लगी.
बॉस ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वह एकदम
नंगा होकर मेरे पास आ गया.
उसका मूसल लंड मेरे सामने लहराने लगा था.
मैंने बिना हिचकिचाहट के उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
वह मेरे दूध मसलने लगा और मेरे कपड़े खोलने लगा.
मैंने भी खुद को नंगी होने में उसका साथ दिया व
जल्द ही मैं उसके लंड की सवारी करने लगी.
वह मुझे अपने लौड़े पर उछालते हुए चोदने लगा
और मेरे दूध मसलते हुए बोला- वह वीडियो डिलीट कर देना मेरी जान!
मैंने उसकी इस बात को सुन कर चौंक गई और उसकी आंखों में देखने लगी.
वह हंस कर बोला- जान, मैं अब तक सैकड़ों चूतों में लंड पेल चुका हूँ.
सब समझता हूँ. मुझे मालूम था कि जो लड़की एक बार मेरे लौड़े से चुद लेती है,
वह नब्बे फीसदी मेरे लौड़े से चुदने के लिए मेरे पास आती ही है.
मैं खुश हो गई और उसके होंठ चूम कर चुदाई का मजा लेने लगी.
वह बोला- आज मैं तुझे एक ऑफर भी देता हूँ …
तू मेरी पर्सनल रंडी बन जा … बहुत ऐश करेगी और बहुत पैसे भी कमाएगी.
मैंने हामी भर दी.
और उस दिन से मैं उसकी रियल स्टेट कंपनी की वह रांड बन गई
जो उसके ग्राहकों को सैट करके लाखों रूपए व अलग अलग मोटे मोटे लंड का स्वाद लेने लगी थी.
आपको मेरी यह चुदाई सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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