मेरा नाम सजनी कपूर है दोस्तो. threesome sex story hindi मैं
आज आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ।
ये कहानी मेरी ज़िन्दगी की कहानी है. इसमें काल्पनिक कुछ भी नहीं है। सभी सच्ची घटनायें हैं.
यह डर्टी सेक्स स्टोरीज इन फॅमिली मेरी ज़िन्दगी की हकीकत है और मेरे अपने अनुभव है जो मैं आपसे शेयर करना चाहती हूँ।
मैं अभी 42 साल की एक मदमस्त महिला हूँ.
मेरा रंग गोरा है, कद 5′ 4″ का है, बाल लम्बे हैं और चेहरा गोल है।
मेरे मम्मे बड़े बड़े, सुडौल और आकर्षक हैं।
मेरी बाँहों की गोलाई बड़ी मनमोहक है, कमर पतली और कूल्हे ठुमके लगाने वाले है।
मेरे चूतड़ थोड़ा उभरे हुए हैं और उनके बीच की गांड बड़ी सेक्सी और मस्तानी है।
मैं जब साड़ी और ब्रालेट में चलती हूँ तो आगे से मेरी चूचियाँ हिलती हैं और पीछे से मेरी गांड मटकती है।
लोग मुझे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते हैं.
मैं खूब जम कर हंसी मजाक करती हूँ, गन्दी गन्दी बातें करती हूँ, गालियां भी देती हूँ और खूब एन्जॉय करती हूँ।
मैं अपनी सहेलियों से खुल कर लण्ड चूत बुर भोसड़ा सब तरह की बातें करती हूँ।
पकड़ा पकड़ी, चोदा चोदी, पेला पेली की बातें तो घंटों करती रहती हूँ।
मैं जब बचपन में स्कूल जाने लगी तो पढ़ाई में बहुत अच्छी निकली।
मेरा मन पढ़ाई में खूब लगता था और मैं हमेशा अपने क्लास में फर्स्ट आती थी।
धीरे धीरे स्कूल से कॉलेज पहुँच गयी और मैं ग्रेजुएशन करने लगी।
उधर मेरी पढ़ाई बढ़ती गयी इधर मेरी उम्र!
मैं पी जी तक पहुंचते पहुंचते 22 साल की एक मस्त जवान खूबसूरत और हॉट लड़की बन चुकी थी।
मुझे पोर्न देखने का शौक तभी लग चुका था।
मैं अक्सर रात को नंगी पोर्न देखती थी और चूत में उंगली करती थी।
उस समय लण्ड मिलने का तो सवाल ही नहीं था इसलिए मैं पोर्न में सबसे ज्यादा लण्ड ही देखा करती थी।
मैं हर तरह के लण्ड देखती थी।
बड़े लण्ड, छोटे लण्ड, काले लण्ड, गोरे लण्ड, देशी लण्ड, विदेशी लण्ड,
अरबी लण्ड, नीग्रो लण्ड, साउथ अफ्रीकन लण्ड, कटे लण्ड और सीधे टेढ़े मेढ़े लण्ड।
मैं लण्ड देखते देखते लण्ड में खो जाती थी।
ये सब हो ही रहा था कि एक दिन मुझे मालूम हुआ कि मेरी शादी होने वाली है।
थोड़ा दुःख हुआ मुझे कि माँ बाप से अलग हो जाऊंगी फिर थोड़ी सी ख़ुशी भी हुई कि मुझे एक पति मिलेगा,
उसका लण्ड मिलेगा। कितना मज़ा आएगा।
मेरी चूत की आग बुझेगी और एक नयी ज़िन्दगी शुरू होगी।
एक महीने के अंदर ही मेरी शादी हो भी गयी और मैं ससुराल चली गयी।
मैं अपनी सुहागरात के लिए बड़ी उत्साहित और उत्तेजित थी।
मैंने भगवान से प्रार्थना की- हे भगवान्, मेरे पति का लण्ड मेरे मन का हो।
लेकिन जब सच में मुझे उसके लण्ड के दर्शन हुए तो मुझे थोड़ी निराशा हुई।
लण्ड पूरी तरह खड़ा नहीं हो रहा था।
ख़ैर मैंने सोचा कि आज पहला दिन है कुछ और कारण हो सकते हैं।
लेकिन जब लगातार कई दिन तक ऐसा ही होता रहा तो मेरा माथा ठनका।
मैंने पूछ ही लिया- क्या तुम नामर्द हो? तेरे लण्ड में बच्चा पैदा करने की ताकत नहीं हैं क्या?
मैं उस समय बड़ी दुखी हुई जब उसका जवाब हाँ में मिला।
उसने कहा- हां मैं नामर्द हूँ।
यह सुनकर मैं तो जैसे आसमान से ज़मीन पर गिर पड़ी।
मैं सोचने लगी कि अब इतनी बड़ी ज़िन्दगी कैसे गुज़रेगी.
तब मैं उदास रहने लगी।
ये ऐसी बात थी कि मैं किसी से कह भी नहीं सकती थी क्योंकि पूरी फैमिली की बदनामी होने का डर था।
बस मैं अंदर ही अंदर घुटती रही।
फिर एक दिन मुझे मायके आने का मौका मिल गया।
यहाँ भी मैंने किसी से ज़िकर नहीं किया।
एक दिन रात में मैं जब बाथरूम के लिए उठी तो देखा कि मम्मी के कमरे की लाइट जल रही है।
उत्सुकतावश मैं झाँक कर देखने लगी।
वहां जो हो रहा था उसे देख कर मैं दंग रह गयी।
मैंने देखा कि पापा मम्मी को चोद रहे हैं और मम्मी बड़ी मस्ती से सिसकारियां ले ले कर चुदवा रही हैं।
मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गयी।
फिर मैंने पापा का लण्ड देखा तो मेरी चूत साली गीली हो गयी।
लण्ड बहन चोद 8″ का था, बड़ा मोटा और तगड़ा।
मेरे पापा का नाम किशन सिंह है वे आर्मी में काम करते थे।
हट्टे कट्टे तगड़े तंदुरुस्त थे मेरे पापा।
कद उनका 6′ + है।
देखने में बड़े हैंडसम और गोरे चिट्टे हैं।
मेरे मन में आया कि देखो मेरी मम्मी का कितना बढ़िया नसीब है,
इतने बड़े और मोटे लण्ड का मज़ा ले रही है.
और एक मैं हूँ जो एक नामर्द की बीवी बन गई हूँ। मुझे मरदाना लण्ड मिलने का कोई रास्ता ही नहीं है।
मम्मी की चुदाई देख कर मैंने अपनी चूत में उंगली करके अपने आप को शांत किया
लेकिन पापा का लण्ड साला मेरे दिमाग में घूमता ही रहा।
अगले दिन पापा ड्यूटी पर चले गए और तब केवल हम दो लोग ही घर पर रह गए, मैं और मेरी मम्मी।
एक दिन मैंने मम्मी से कहा- मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ, शाम तक आऊंगी।
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जब उसके घर पहुंची तो वह कहीं बाहर जा रही थी,
बोली- यार सजनी, सॉरी मैं एक बर्थ डे पार्टी में जा रही हूँ।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, तुम जाओ। मैं फिर आ जाऊंगी।
मैं वापस अपने घर आ गयी।
घर में घुसते ही मालूम हुआ कि मम्मी के कमरे से आवाज़ आ रही है।
मैं खिड़की से झांक कर अंदर देखने लगी।
इस बार मुझे ज्यादा हैरानी हुई।
मैंने देखा कि मम्मी पापा के दोस्त राहुल से चुदवा रही हैं।
तब मैंने मन में कहा- देखो बुरचोदी नैना ( मेरी मम्मी का नाम )
अपने पति के न रहने पर कैसे पराये मर्द से घपाघप चुदवा रही है।
यह साली कुतिया अपने पति के इतने बढ़िया लण्ड होने के बावजूद किसी और से चुदवा रही है।
बहन की लौड़ी बहुत बड़ी हरामजादी है, मेरी मम्मी. जब ये किसी और से चुदवा सकती है तो मैं क्यों नहीं चुदवा सकती?
मेरे पास तो ठोस कारण है किसी और से चुदवाने का … क्योंकि मेरा पति भोसड़ी का नामर्द है. मेरा तो हक़ है किसी और से चुदवाने का!
मैं बस खड़ी खड़ी मम्मी की चुदाई बड़े गौर से देखने लगी।
मेरे मन में यह बात बैठ गयी कि मम्मी एक से नहीं कई लोगों से चुदवाती हैं.
राहुल मम्मी को चोद कर चला गया.
तब मैं मम्मी के पास गयी।
तब तक मैं मम्मी से मन ही मन बेशर्म हो चुकी थी।
मैंने पूछा- मम्मी ये राहुल अंकल किसलिए आया था?
मम्मी ने साफ़ साफ कह दिया- राहुल मुझे चोदने आया था बेटी सजनी!
अब देखो न … तेरे पापा तो कई दिनों के लिए बाहर चले जाते हैं। मुझे चोदने वाला कोई होता नहीं है.
और मेरी चूत साली इतनी गर्म है कि बिना चुदे रह नहीं सकती इसलिए मुझे दूसरे मर्दों से चुदवाना पड़ता है।
“तो फिर तुम कितने लोगों से चुदवाती हो मम्मी?”
“ज्यादा नहीं … यही कोई 4/5 लोग हैं मेरे संपर्क में जो मुझे चोदते हैं।”
“पापा को मालूम है यह बात?”
“हां मालूम है. तेरा पापा भी तो खुद अपने दोस्तों की बीवियां और बेटियां चोदते हैं।”
यह सुनकर मेरे तन बदन में आग लग गयी।
मेरा मन हुआ कि मैं पापा का लण्ड अभी अपनी चूत में घुसेड़ लूँ।
फिर मैंने अपने पति की बात खुल कर मम्मी को बता दी।
मम्मी बोली- हाय दईया … तो इसका मतलब अब तक तेरी चूत में कोई लण्ड नहीं घुसा?
तू अभी तक चुदासी ही है? तू कभी चुदी नहीं? यह तो बड़े अफ़सोस की बात है।
अच्छा मैं कुछ करती हूँ। मैं तेरे लिए लण्ड का इंतज़ाम करती हूँ। अब मैं तेरी चूत में लण्ड पेलवाऊंगी।
मैं मम्मी के गले लग गयी, उससे चिपक गयी और कहा- जल्दी करो न मम्मी …
मेरी चूत भठ्ठी की तरह जल रही है। मुझे लण्ड चाहिए मम्मी लण्ड!
उस दिन मैं मम्मी से पूरी तरह खुल गई और मम्मी भी पूरी तरह मुझसे खुल गई।
वे मेरे गाल थपथपाकर बोली- आज से तू बुरचोदी सजनी मेरी सहेली है।
मैं तेरी चूत का ख्याल रखूंगी। लण्ड पेलूँगी मैं तेरी चूत में!
मैंने पूछा- अच्छा मम्मी, तुमने अब तक कितने लण्ड लिए हैं?
वह बोली- मैं जब लण्ड लेती हूँ पगली … तो गिनती नहीं हूँ.
पर हां शादी के पहले मैं 4/5 लण्ड ले चुकी थी और बाद में तो 8 / 10 लोगों से चुदवा चुकी हूँ।
मुझे कोई न कोई नया लण्ड मिलता ही रहता है। मैं तो बहनचोद जब मायके जाती हूँ तो कई लोगों से चुद कर ही आती हूँ।
गांड में भी खूब पेलवाती हूँ लण्ड! सच बात यह कि मैं अंदर से रंडी बन चुकी हूँ बेटी सजनी और तुझे भी रंडी बना दूँगी।
मम्मी की बातों ने मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर दिया।
अगले दिन पापा आ गए।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। उन्हें देख कर मेरा चेहरा खिल उठा।
पापा भी मुझे बड़े गौर से देखने लगे।
मैंने सोचा कि क्या मम्मी ने फोन पर पापा से कुछ बात की है?
मैंने पापा का वेलकम किया उससे बातें करने लगी और उसने मेरे गाल थपथपाये।
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रात को पापा मम्मी एक साथ लेटे थे।
मैं बाहर वरांडा में लेटी थी।
अचानक कुछ देर में ही मम्मी मेरे पास नंगी नंगी आईं.
मैं उन्हें देख कर दंग रह गयी।
फिर वे मुझे पापा के पास ले गईं.
मैंने देखा कि पापा बिलकुल नंगे लेटे हैं।
मैं एकदम सिहर गई।
तब तक मम्मी ने मुझे बड़े आहिस्ते से उसका लण्ड पकड़ा दिया और कहा-
लो सजनी, इसे पकड़ो और देखो कैसा है लण्ड!
मैंने लण्ड पकड़ा और फ़ौरन बोली- बहुत बढ़िया है लण्ड मम्मी!
फिर मैं बड़े प्यार से लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी, उसे चूमने लगी और उससे खेलने लगी।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था।
मम्मी बोली- कोई शर्माने की जरूरत नहीं है सजनी …
पूरी तरह मस्ती करो लण्ड के साथ! इसे चूमो चाटो जो चाहे वो कर।
मैं लण्ड पकड़ कर मस्त हो गयी।
तब तक मम्मी ने मेरे कपड़े उतार दिये।
मैं मादरचोद पूरी नंगी हो गई।
मम्मी मेरी चूत सहलाने लगी और बोली- बेटी सजनी, तेरी बुरचोदी बुर बड़ी टाइट है,
बड़ी गर्म है और एकदम तारो ताज़ी है।
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उधर मैं लण्ड में पूरी तरह खो गयी थी।
मेरी नज़र लण्ड से हट ही नहीं रही थी।
मैं नंगी होकर और ज्यादा मदहोश हो गई थी।
मेरी लण्ड की ख्वाहिश पूरी हो रही थी।
कुछ देर बाद मम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से लिया और उसे मेरी चूत पर रगड़ने लगी।
लण्ड का टोपा जब मेरी मेरी चूत पर रगड़ खा रहा था तो मैं मस्त होती जा रही थी।
ज़िन्दगी में पहले बार किसी खड़े लण्ड ने मेरी चूत को स्पर्श किया था।
मेरे मुंह से ‘आ आ आ हो हो हो ही ही ही’ के अलावा कुछ और निकल ही नहीं रहा था।
मैंने कहा- हाय दईया, अब रहा नहीं जा रहा पापा! पूरा लण्ड पेल दो मेरी चूत में …
बुझा दो मेरी चूत की आग । तेरा लण्ड साला बड़ा जबरदस्त है।
पापा ने फ़ौरन लौड़ा एक ही बार में पूरा घुसा दिया अंदर!
लण्ड घुसते ही मेरे मुंह से चीख निकल गयी- उई माँ मर गई मैं … फट गयी मेरी चूत!
बड़ा मोटा है इसका मम्मी। बड़ा दर्द हो रहा है।
मम्मी बोली- चुप रह बुरचोदी सजनी,
मुझे मालूम है तेरी चूत को क्या चाहिए. चुपचाप चुदवा ले, मज़ा ले ले,
लौड़ा पूरा पेलवा ले!
लण्ड जैसे से ही 10/12 बार लण्ड अंदर बाहर हुआ तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैंने कहा- हाय रे … पापा चोद डालो मुझे, चीर डालो मेरी चूत! फाड़ डालो मेरी बुर …
मुझे मम्मी की तरह चोदो! रंडी की तरह चोदो. तेरा लौड़ा बड़ा जबरदस्त है। बड़ा मज़ा आ रहा है।
मुझे किसी ने पहले क्यों नहीं चोदा? अब तक खूब चुद चुकी होती मैं! आज मुझे एक औरत होने में गर्व हो रहा है मम्मी!
मुझे सच में चुदाई का बड़ा मज़ा रहा था।
मम्मी नंगी नंगी बैठी हुई बड़े प्यार से मुझे चुदवा रही थी।
एक माँ अपनी बेटी उसके बाप से चुदवा रही थी।
कुछ देर बाद मैंने लण्ड मम्मी की चूत में पेल दिया।
मैं अपने पापा से ही अपनी माँ चुदवाने लगी.
मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।
पापा ने मेरे सामने मम्मी को चोदा और मम्मी के सामने मुझे चोदा।
मैं तो पापा के लण्ड की दीवानी हो गई।
लण्ड जब झड़ने लगा तो उसे हम दोनों माँ बेटी ने उसे बड़े प्यार से चाटा और पेल्हड़ भी चाटे।
थ्रीसम की यह चुदाई मेरी यादगार चुदाई बन गयी।
हम तीनों के बीच कोई शर्म संकोच या झिझक नहीं रही।
threesome sex story इन फॅमिली पर आपके विचार आमंत्रित हैं.